शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

ये दर्द तेरी निशानी है..

ये दर्द तेरी निशानी है..

कभी आँखें सपने संजोया करते थे,  
जो टूटे है जो बिखरे हैं ये तेरी मेहरबानी है..

कुछ सावन ही आये हैं, कुछ अरसे ही बीते हैं
घाव अब भी तजा है, तू कहती बातें पुरानी है..

जो खुशियों में खेली थी स्याही और पन्नों के संग
बेचैन खून में लथपथ ये वही कहानी है..

यूँ था राह में खोया, पर रोया नहीं खोकर
पता है हर दीवाने की कुछ ऐसी ही जिंदगानी है..

न कहो खुदा ने दी थी मुझको ऐसी जिंदगी
जो घाव है इनमे ये तेरी निशानी है..

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