शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

कोई बताए..???


ये ख़ुशी क्या
ये गम क्या है
कोई बताए
जीवन क्या है..


ये नफरत क्या
ये प्यार क्या है
कोई बताए
संसार क्या है


ये तड़प क्या
क्यूँ घुटन यहाँ है
कोई बताए
सुकून कहाँ है..


ये घबराहट कैसी
ये डर कैसा है
कोई नैया
पार नहीं जाती
कोई बताए
ये सागर कैसा है


ये होड़ कैसी है
ये पाना क्या है
कोई बताए
ये जमाना क्या है

किस उलझन में
उलझे हैं सब
इस जहाँ में 
आना क्या है
और जाना क्या है..

मंगलवार, 3 जनवरी 2012

मोहब्बत में तुम और क्या चाहते हो..

मोहब्बत में तुम और क्या चाहते हो..

मन के मंदिर में तुझको बिठाया
पूजा किया मैंने, की मैंने इबादत
अब तुम कैसी आराधना चाहते हो..

वफाई करूँ तो समझे नहीं तू
मेरी वफाई से कैसी वफ़ा चाहते हो..

वो दिन भूलकर जो बिताये थे हमनें
क्यूँ अब तुम ये फासला चाहते हो..

जिन पलों में जवां हुई मुहब्बत हमारी
क्यूँ झूठ की परतों में दबाना चाहते हो..

जो सदियों से सपनों की कश्ती सजी है 
क्यूँ किनारे पे डुबाना चाहते हो..


मुझे यूँ सन्नाटे में अकेला न छोड़ो 
क्यूँ इक बेगुनाह को सजा चाहते हो..

तेरे प्यार में मैंने सब कुछ लुटाया
मोहब्बत में तुम और क्या चाहते हो..

जिंदगी तो दे दी, क्या अब जाँ चाहते हो
बता मौत मेरी किस तरह चाहते हो..

रविवार, 1 जनवरी 2012

सुना है खुदा तुम ही हो..

सुना है खुदा तुम ही हो.. 

तेरी बस्ती में आया हूँ
 चंद सांसें खरीदने
 सुना है हमनें,
 तुम जिंदगी हो..

हंसी भी उधार लेनी है हमें
सुना है
तुम ख़ुशी हो..

खाबों का क़त्ल हुआ है
जख्म मिटाने आया हूँ
सुना है हमनें,
दर्द मिटते हैं
जो तुम छूती हो..

नए खाब सजाने आया हूँ
सुना है
तुम परी हो..

नशा कहाँ है 
ख़राब के प्यालों में
सुना है हमनें
लोग धुत होते हैं
जो तुम देखती हो..

रुख करो अपना 
एक बार मेरी तरफ
गर थोड़ी मेहरबानी हो.. 

इस चकाचौंध दुनिया में
फरेब भरा है
तुझे देखने आया हूँ
सुना है हमनें
तुम सादगी हो..

जिंदगी में बोलते हैं सन्नाटे
तन्हाई मिटाने आया हूँ
सुना है
तुम महफ़िल हो..

कुछ रास्ते जानने आया हूँ
जिनमे जीते हैं पल जिंदगी के
सुना है हमनें 
तुम सब जानती हो..

कीमत तुम लगाओ इनकी
तेरे बाज़ार में 
सब कुछ लुटाने आया हूँ..

ए अजनबी 
 तेरी बस्ती में आया हूँ
जिंदगी खरीदने
सुना है 
खुदा तुम ही हो..