सुना है खुदा तुम ही हो..
तेरी बस्ती में आया हूँ
चंद सांसें खरीदने
सुना है हमनें,
तुम जिंदगी हो..
हंसी भी उधार लेनी है हमें
सुना है
तुम ख़ुशी हो..
खाबों का क़त्ल हुआ है
जख्म मिटाने आया हूँ
सुना है हमनें,
दर्द मिटते हैं
जो तुम छूती हो..
नए खाब सजाने आया हूँ
सुना है
तुम परी हो..
नशा कहाँ है
ख़राब के प्यालों में
सुना है हमनें
लोग धुत होते हैं
जो तुम देखती हो..
रुख करो अपना
एक बार मेरी तरफ
गर थोड़ी मेहरबानी हो..
इस चकाचौंध दुनिया में
फरेब भरा है
तुझे देखने आया हूँ
सुना है हमनें
तुम सादगी हो..
जिंदगी में बोलते हैं सन्नाटे
तन्हाई मिटाने आया हूँ
सुना है
तुम महफ़िल हो..
कुछ रास्ते जानने आया हूँ
जिनमे जीते हैं पल जिंदगी के
सुना है हमनें
तुम सब जानती हो..
कीमत तुम लगाओ इनकी
तेरे बाज़ार में
सब कुछ लुटाने आया हूँ..
ए अजनबी
तेरी बस्ती में आया हूँ
जिंदगी खरीदने
जिंदगी खरीदने
सुना है
खुदा तुम ही हो..
मस्त लिखा है दोस्त | मज़ा आ गया, दिल छू गया !
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