शुक्रवार, 1 जुलाई 2011

लोग कहते है...

लोग कहते है...


लोग कहते है तुम क्या जानो मुहब्बत की सजा,
किसी ने पूछा ही नहीं हमने कभी मुहब्बत की है या नहीं .

लोग कहते हैं कभी आंसू भी बहाया है किसी प्रिय की खातिर
किसी ने सोचा ही नहीं रैन मेरे भी आंसू से लिखे पन्नों में जलते थे कभी.

लोग कहते हैं तुम्हे क्या पता चाहकर किसी को खोना क्या होता है
किसी ने देखा की नहीं मेरी आँखों में आती नमी.

लोग कहते हैं किसी की आवाज़ सुनने तक को तरस जाता है मन
किसी ने सुनी ही नहीं मुझमे तेरी गूंजती हर हंसी.

लोग कहते है तुम क्या जानो मुहब्बत क्या है
सही कहते हैं वो की मेरी मुहब्बत में न मौत है न जिंदगी...


 

3 टिप्‍पणियां:

  1. "लोग कहते हैं किसी की आवाज़ सुनने तक को तरस जाता है मन
    किसी ने सुनी ही नहीं मुझमे तेरी गूंजती हर हंसी."


    log kya kehte, iski khabar to nahi muje
    par tussi likhte bada sona ho zi :)

    जवाब देंहटाएं
  2. कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना...

    जवाब देंहटाएं
  3. @manish ji : bahut bahut dhnyawad for such a comment..:)
    @rajey ji..suggestion ke liye sukriya :) line bahut sahi hai aapki :)

    जवाब देंहटाएं