मेरे अश्क...
अश्कों की धारा कहती है,
तू अलग न कर मुझको खुद से,
इसमें मेरी क्या गलती है ,
जो दूर गयी है वो तुझसे।
तेरे नैनों ने जो विदा किया
तेरे गालों पे पनाह की तलब होगी,
इस उलझी जलती दुनिया में
मैं कहाँ चैन सुख पाउँगा,
मैं इन लड़ते गिरते पवनों के संग
उड़कर फिर से खो जाऊंगा।
दुनिया में जो मुझको देखेगा
तेरी ही हँसी उड़ाएगा,
पुराने अश्कों की बात नहीं,
कोई इतनी करीबी से ना देखेगा,
ना सूखे अश्कों के निशानों पर जायेगा।
कभी दर्द और बढ आया था,
तब मैंने कुछ लहू बहाया था।
अश्कों ने फिर कहा मुझसे
अब मुझको विदा करो खुद से।
मैं और कहीं भी जाऊंगा
पर मुझमे वो ताकत कहाँ
जो ये दर्द महफूज रख पाउँगा।
तेरे दर्द में घुलकर अब
मैं भी लहू बन जाऊंगा..
ये लहू बहाना ठीक नहीं
तू मुझको क्यूँ तडपाता है
तेरी दुनिया को सोचूँ तो
मुझको भी रोना आता है..
अश्कों की धारा कहती है,
तू अलग न कर मुझको खुद से,
इसमें मेरी क्या गलती है ,
जो दूर गयी है वो तुझसे।
तेरे नैनों ने जो विदा किया
तेरे गालों पे पनाह की तलब होगी,
इस उलझी जलती दुनिया में
मैं कहाँ चैन सुख पाउँगा,
मैं इन लड़ते गिरते पवनों के संग
उड़कर फिर से खो जाऊंगा।
दुनिया में जो मुझको देखेगा
तेरी ही हँसी उड़ाएगा,
पुराने अश्कों की बात नहीं,
कोई इतनी करीबी से ना देखेगा,
ना सूखे अश्कों के निशानों पर जायेगा।
कभी दर्द और बढ आया था,
तब मैंने कुछ लहू बहाया था।
अश्कों ने फिर कहा मुझसे
अब मुझको विदा करो खुद से।
मैं और कहीं भी जाऊंगा
पर मुझमे वो ताकत कहाँ
जो ये दर्द महफूज रख पाउँगा।
तेरे दर्द में घुलकर अब
मैं भी लहू बन जाऊंगा..
ये लहू बहाना ठीक नहीं
तू मुझको क्यूँ तडपाता है
तेरी दुनिया को सोचूँ तो
मुझको भी रोना आता है..
aap to kavi ban gaye hai........grt
जवाब देंहटाएं:) hmm ..Thanks
जवाब देंहटाएंyo Aman baboo mast likhte ho yaar,padhkar feel aa gai :)
जवाब देंहटाएंbadhiya :)
जवाब देंहटाएंBlog padhne n comment karne k liye dhanyawad manish :)
जवाब देंहटाएंn Thanks seemant ji :)
Wonderful poetry on tears
जवाब देंहटाएंTrue reflection of feeling
Why not write on Aadhaar, just a suggestion