आज पी ले इतना कि ..
आज पी ले इतना कि उसकी खबर न रहे,
राहे-गम में बहता ये इश्क का जहर न रहे,
मदहोशी के आशियाँ में पनाह ले तू,
की दिल से निकले को कोई बेघर न कहे.
आज पी ले भूल के कि कोई था तेरा,
कोई प्यार की भड़कती लहर न रहे,
दिल की बातों पे लगा पाबंदियां,
की उनका आज कोई असर न रहे.
हर आंसू को शराब की बोतल में मिला,
बहा ले चाहे तू आज जितना ,
पी जा तू इस जहर को जिंदगी समझकर,
की आये कभी आंसू फिर
तो उसमे ये जहर न रहे.
पी ले इतना कि जिंदगी फिर नयी सी लगे,
किसी घातक लहर की दिशा उधर न रहे,
दिल को टुकड़ों में कर ले इतना,
की टूटने का फिर से कभी डर न रहे.
कि आज पी ले इतना की खुद की खबर न रहे..
tere hone ka asar dekha karengi sadiyan..
जवाब देंहटाएंye lafz rahenge chahe ye sham-o-sehar na rahe
machau hai..
phod-phaad be....especially the last para...simply loved it.....
जवाब देंहटाएंUff..gajab hai!!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया यार,
जवाब देंहटाएंअपने ब्लॉग को "अपना ब्लॉग" में जमा करवाओ को पाठक बढाओ
अपना ब्लॉग का नया रूप
Dhanyawad sabko :)
जवाब देंहटाएं@yogendra..apna blog me mera account already hai..:)