कुछ पंक्तियाँ..
"उसने कहा दर्द में कभी मजा नहीं होता 'अमन'
मैं समझ गया उसने कभी मुहब्बत की ही नहीं.."
"आँखों में आंसू, साँसों में तड़प
वो सूनापन,
मन में फिर वही बात आई
फिर वही रात आई.."
"पुलिस ने जांच की रोककर फिर छोड़ा
की कुछ खतरनाक तो नहीं पास मेरे
अब क्या बताऊँ उन्हें की दिल में रखा क्या हूँ मैं..
सजाये मौत मिली है मुझे और खुला घूम रहा हूँ मैं.."
"वो खफा हैं हमसे पर क्या कहूँ उनसे
शब्द तो बहोत हैं पर वजह ही पता नहीं.. :("
"वो कहता है छोड़ दो सपने जो टूटे हैं
मैं कहता टुकड़ों को जोड़ लूँ तो क्या बुरा है..
वो कहता कुछ किनारे हमेशा चुभेंगे तुम्हे
मैं कहता उस दर्द में मजा हो तो क्या बुरा है.."
"ए जालिम तू मुझको कब तक आजमाएगा
जो मौत आ गयी, फिर तू भी पछतायेगा.."
"किताबों के पन्नों की तरह हो तुम,
पलटो तो पहचाने से लगते हैं,
पढो तो अनजाने से लगते हैं.."
"वो कहता है तेरे दर्द का अंदाजा है मुझे
मुझे शक है, पता भी है उसे कि दर्द क्या होता है.."
"अब पता चला दर्दे दिल का वो बहाना बनाया करते थे
जो हमनें volini दी और वो लगाने से इनकार कर गए.."
"हम सारे जज्बात बयां कर गए उनसे
और वो कहते हैं चिंता न करो..
जिसके लिए ये जज्बात हैं वो समझ जायेगा कभी.."
"आता जाता दर्द है, जलती बुझती सांस है
गिरना है संभालना है, ये मेरा इतिहास है.."
"दिल के दर पे वो ताला लगाये बैठा है,
शायद भूल गया है वो की यहाँ
ताले बेचने वालों के घर भी लुटा करते हैं.."
"दिन की रौशनी में बेदर्द क़त्ल हुआ है खाबों का यहाँ
जो खून नहीं बहा ,किसी ने पुछा ही नहीं कि माजरा क्या है.."
"तेरे नाम से लिखे ख़त बच्चों ने नाव बनाकर बहा दिए इस बारिश में
उन्हें पता ही नहीं कि हर नाव कितने सपने बहा ले गया है संग अपने.."
"वो ख़त जो लिखे थे हमनें उन्हें
कागज के बेजान पन्ने न समझो
जरा गौर करो जालिम
जिंदगी है मेरी उनमें.."
"बेटी की डोली पर वो गरीब फ़िक्र में बेहिसाब रोया है डर से
की जितने पैसे लगाये हैं उसने, उसमे यहाँ अर्थियां उठा करती हैं.."
"कुछ शब्द शब्दों से बयां नहीं होते
कभी आँखों में भी झांककर देखो जालिम.."
"उसने पुछा कभी दिल चुराया है किसी का
हमने कहा हम दिल जीतने में भरोसा रखते हैं.."
Maan gaye ustaad.. :)
जवाब देंहटाएंThanks ashish :)
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