कैसे भूलूँ तुझे..
दिल पे चोट गहरा है,
धड़कन सहमा सा कह रहा है,
कैसे भूलूँ तुझे,
कभी खुद को तोड़ के तुझे खुद से जाने दूंगा,
भूलूँगा जब खुद को छोड़ के खुद को जाने दूंगा।
हर खून के कतरे में बसी तू,
तेरे बिना कोई वक़्त कहाँ है,
कैसे भूलूं तुझे,
कभी उस खून के कतरे को जो तुझसे जुड़ा है जाने दूंगा,
भूलूँगा तुझे जब खून का हर कतरा खुद से बह जाने दूंगा।
मेरी यादों में तेरा आशना है,
तेरे उस आसने में मेरी यादों का जहाँ है,
कैसे भूलूँ तुझे,
कभी कुछ हिस्सा मन से मिट जाने दूंगा,
भूलूँगा तुझे जब अपनी याद्दास्त मिटाने दूंगा।
मेरे हर बात की शुरुआत हो तुम,
जैसे मेरी आवाज़ हो तुम,
कैसे भूलूँ तुझे,
कभी कभी चुप रहकर तुझे पास न आने दूंगा,
भूलूँगा तुझे जब अपनी जुबां कट जाने दूंगा।
मेरे धड़कन में बसी हो तुम,
तू ही तो मेरी जां है,
कैसे भूलूं तुझे,
कभी धडकनें धीमी करके तेरे एहसास को न आने दूंगा,
भूलूँगा तुझे जब धड़कनों को रुक जाने दूंगा।
हर सांस की जिंदगी हो तुम,
तेरे बिना जीवन कहाँ है,
कैसे भूलूं तुझे,
कभी कुछ सासों को अन्दर न आने दूंगा,
भूलूँगा तुझे जब साँसों को जिंदगी से जाने दूंगा।
कैसे भूलूं तुझे,
बस कुछ छोटी कोशिशें कर सकता हूँ,
पर भूल के भी खुद से तुझको कैसे भुलाने दूंगा।
wahh !!! kya khoob likha hai
जवाब देंहटाएंmacha diya yar !!!!!!!!
जवाब देंहटाएंits superb and splendid.........
feel aa gayi......
जवाब देंहटाएंpyar to koi tumse sikhe...kya khub jamaya hai..
जवाब देंहटाएंpyar koi tumse sikhe ...kya khub jamaya hai
जवाब देंहटाएंWah wah! Awesome I liked it very much cz ye mere dil ka haal batati hai aur likhi bhi bahut achhi hai.
जवाब देंहटाएंdon't try to forget aman, just try not to remember..
जवाब देंहटाएंnice work dude......although whole lines are good but i like these lines most....
जवाब देंहटाएंमेरे धड़कन में बसी हो तुम,
तू ही तो मेरी जां है,
कैसे भूलूं तुझे,
कभी धडकनें धीमी करके तेरे एहसास को न आने दूंगा,
भूलूँगा तुझे जब धड़कनों को रुक जाने दूंगा।...
superb.....keep it up..
@all ..follow the blog and give ur valuable comments always.. it keeps me motivated.. :)
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