रविवार, 17 अप्रैल 2011

मुझमे जी रही है अब भी जिंदगी..

मुझमे जी रही है अब भी जिंदगी..

दिल में शोला अब भी भड़कता है,
अब भी आँखों में जलन सी है,
सांसों में अब भी वो तपन है,
लोग कहते हैं आग लगी है कहीं.

जिदगी से रूठकर पड़ा हूँ,
उठने की हिम्मत  नहीं है,
लोग कहते हैं अब,
                                                         कितनी निश्चिंत है उसकी जिंदगी.

बातें करूँ तो क्या
चुपचाप रहता हूँ मैं,
की तेरी बातों के बिना 
कहाँ है ख़ुशी.
लोग कहते हैं
खुश है वो खुद में ही. 

जिंदगी में घुटन सी है फिर भी
मुस्कुराने की कोशिश करता हूँ,
तेरी यादों को छिपा रखा हूँ,
जैसे जिंदगी में कोई कमी नहीं
और लोग कहते हैं
उसकी यादों में कोई रहा नहीं.

तू मुझमे है अब भी,
की हर वक़्त तुझमे खोया हूँ कहीं,
तो मैं कहता हूँ
मुझमे जी रही है अब भी जिंदगी..
(You are my life and still living within me..)

7 टिप्‍पणियां:

  1. dhanyawad saurav n udan ji..
    I will always need these motivating words to keep me going..:)

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  2. बातें करूँ तो क्या
    चुपचाप रहता हूँ मैं,
    की तेरी बातों के बिना
    कहाँ है ख़ुशी.
    लोग कहते हैं
    खुश है वो खुद में ही. -- शब्द और भाव दोनो ही प्रभावशाली.

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