सोमवार, 24 जनवरी 2011

जो ये कहते हैं ...

जो ये कहते हैं ...

जो कहते हैं हवाएँ तो प्राणहीन होती हैं

कभी तेरी साँसों के पास जाकर देखे तो,

जो कहतें हैं कि इस प्यार में रखा क्या है?

कभी तुम से प्यारे की मुहब्बत के प्यास को पाकर देखे तो,

जो कहते हैं फिजाओं के रंगत में कोई बात नहीं होती

कभी तेरे संग झूमती फिजाओं की पनाह में आकर देखे तो,

जो कहते हैं कि बहुत व्यंजनों में खाने काम मजा होता है

कभी तेरे हाँथों से सूखी रोटी खाकर देखे तो,

जो कहते हैं जिंदगी बेमजा है

कभी जिंदगी में तेरा अंश मिलाकर देखे तो,

जो कहते हैं जिंदगी में अब वो ख़ुशी कहाँ है

कभी तेरे संग मुस्करा कर देखे तो,

जो कहते हैं कि तू चीज क्या है?

कभी किसी मुसव्विर से तुझ सा कोई और बनवाकर देखे तो...

खुदा भी तुझे तराश कर तुझपे फ़िदा है

कभी कोई तुझे रुलाकर देखे तो॥


मुसव्विर : artist

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