रविवार, 28 नवंबर 2010

हम तुझ पे कुरबान हो जाए...

हम तुझ पे कुरबान हो जाए...

तेरी इक हँसी पर, मेरी सौ खुशी कुरबान हो जाए,

तेरे एक झलक पे, कई हहबाब नीम जान हो जाए,

तेरे रूठने से मौसम बहार में खलिश पड़ती है जानम,

तेरे दीवानी कभी ये जमीं कभी आसमान हो जाए।


तेरी धुन में झूमे जो वो अलहान खो जाए,

तेरी शरारतों से खामोश आब, आब रवान हो जाए,

तू रोना मत कभी मेरे हबीब,

तेरे आंसुओं को देखे तो भगवन रो जाए


तेरी मस्ती से बियाबान में बरान हो जाए,

तेरी बातों से हर जहान गुलिस्तान हो जाए,

तुझे तो बस एक बार ख्वाहिश करने की जरूरत है,

तेरी ख्वाहिश से अंधेर नगरी में चिरागहान हो जाए


तुझे जाने कोई तो तू उसका अरमान हो जाए,

तू जो जाने तो तेरा एहसान हो जाए,

कहने की जरूरत नहीं,

जो तू आँखों से कह दे तो सब बयान हो जाए


तू जो देखे तो फीका चाँद भी फिरोजान हो जाए,

तेरे एक लम्स से कोई हैवान इंसान हो जाए,

मेरी जान जनान,

तेरी आवाज़ को सुन इस दर्द दिल को इत्मिनान हो जाए


तेरे साथ का हर पल जा विदान हो जाए,

तेरा साथ हो तो पत्थर रस्ते भी खियाबान हो जाए,

तेरे साथ में कोई जादू है जाना,

तेरे साथ से कोई चतुर भी नादान हो जाए


तुझपे नज़रें बुरी करे जो उसका नुकसान हो जाए,

कोई परेशान करने की धुन में खुद परेशान हो जाए,

तेरे लिए तो कितने जान दे देंगे,

तू बोले तो, खुदा भी तेरा निगाहबान हो जाए


चहुँ तेरे संग कभी रुक्सान हो जाए,

तेरा भी मेरे प्रति रुझान हो जाए,

होना ये रक्स जनान होगा जानम,

संग कभी हमारे पूरी ज़मान हो जाए


तेरी साँसों से मेरी धडकनें चलती है जानम,

तुझे पाने के लिए दांव पे अब मेरी जान हो जाए